हौसले की असल उड़ान वही होती है जो आसमान की ऊंचाई खुद तय करे. उड़ान वहां तक हो, जहां तक लोग कल्पना भी ना कर पाएं, चलिए आज आपको एक ऐसी शख्सयित से रूबरू कराते हैं, जिसने इन सारे शब्दों को एक-एक भाव को अपने अंदर जिंदा किया है. जिसने अपनी शारीरिक अक्षमता को दरकिनार करके, सफलता की वो चोटी हासिल की है, जहां तक पहुंचना आम इंसान के बस के बाहर की बात है. आज आपको मिलाते हैं हरियाणा में करनाल के डॉ रितेश सिन्हा से, जिनकी उपलब्धियां आज पूरे समाज के लिए मिसाल बन चुकी है.
Today, let us introduce you to a person who has made all these words alive in each and every emotion. One who has achieved that peak of success, bypassing his physical incapacity, to reach which is beyond the reach of common man.
4 comments:
Heartiest congratulations 👏🏻 . your tenacity and persistence and your drive are so so inspiring 🏆🏆🏆
Heartiest Congratulations Bhaiya!!
This is so inspiring! God bless
Congratulations Bhaiya!! Keep it up!!
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